अगर हारने से डर लगता हैतो जितने की इच्छा कभी मत रखना - Fakharpur Gallery
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जलते हैं दुश्मन मुझसे
मेरे दोस्त मुझे दोस्त नहीं ज़िगर बोलते है
दोस्त तकलीफ़ मे साथ दे कर दोस्ती निभा लेते हे
2 मिनट] भी मिलजाए कही तो सुकून दिला देते हैं
खुले आम दुश्मनी करनी चाहिए
मगर दिखावे की दोस्ती कभी नहीं
अगर हारने से डर लगता हैतो
जितने की इच्छा कभी मत रखना
ये अदाए ये मुस्कराहट ये मस्त निगाहें
नकाब ओढ़ लिजिये कही हम उजड़ ना जाए
"हम" दोस्तो से इतना "प्यार करते है ये देखकर "दूश्मन " भी कहते है की काश "हम" भी इनके दोस्त होते
वो जो रास्तों में तुम्हें माल नज़र आती है ना दोस्तों...
दरअसल वो किसी घर की इज़्ज़त है
बात दोस्ती की होगी तो दिल में ही नहीदुआओ में भी याद रखूँगा,
ऊँगली मुझ पर उठाई तो उंगली बाद में पहले मैं तेरी अकड़ तोडूँगा
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जलते हैं दुश्मन मुझसे
मेरे दोस्त मुझे दोस्त नहीं ज़िगर बोलते है
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| Photo Credit Google |
दोस्त तकलीफ़ मे साथ दे कर दोस्ती निभा लेते हे
2 मिनट] भी मिलजाए कही तो सुकून दिला देते हैं
खुले आम दुश्मनी करनी चाहिए
मगर दिखावे की दोस्ती कभी नहीं
अगर हमसे उलहजना हे तो
अपने रुतबे को बुलंद कर वरना ऐसा कर
अपनी औकात में रहा कर
अगर हारने से डर लगता हैतो
जितने की इच्छा कभी मत रखना
ये अदाए ये मुस्कराहट ये मस्त निगाहें
नकाब ओढ़ लिजिये कही हम उजड़ ना जाए
"हम" दोस्तो से इतना "प्यार करते है ये देखकर "दूश्मन " भी कहते है की काश "हम" भी इनके दोस्त होते
वो जो रास्तों में तुम्हें माल नज़र आती है ना दोस्तों...
दरअसल वो किसी घर की इज़्ज़त है
बात दोस्ती की होगी तो दिल में ही नहीदुआओ में भी याद रखूँगा,
ऊँगली मुझ पर उठाई तो उंगली बाद में पहले मैं तेरी अकड़ तोडूँगा
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